मनुष्य को श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए – शलेंद्र शुक्ल
सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर की पुरानी अनाज मंडी में श्रीमद् भागवत कथा मंडल के तत्वावधान में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कथाव्यास आचार्य शैलेंद्र शुक्ल ने कहा कि भागवत पुराण पुराणों में से एक है और इसे भागवतम् भी कहते हैं। भागवत का मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद्भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं। श्रीमद् भागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती हैं।
उन्होंने एक कथा बताते हुए कहा कि धर्मभीरू राजा से यदि भूलवंश गलती भी भी हो जाए तो भी राजा पर क्रोध नहीं करना चाहिए। ऋषि शमिक अपने पुत्र श्रृंगी ऋषि से कहते हैं बेटा राजा हमारा संरक्षक और पालनहार है तथा उसके राज्य में हम निर्भय होकर विचरण करते हैं। वह हमारे यहां पधारे तो उनका सम्मान करना हमारा कर्तव्य बनता है हम समाधिस्थ होने के कारण राजा को सम्मानित तो नहीं कर सके लेकिन भूख प्यास से व्याकुलतावश उन्होंने हमारे गले में सांप भी डाल दिया तो भी तुम्हें राजा को श्राप नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सत्संग व कथा के माध्यम से मनुष्य भगवान की शरण में पहुंचता है, वरना वह इस संसार में आकर मोहमाया के चक्कर में पड़ जाता है, इसीलिए मनुष्य को समय निकालकर श्रीमद्भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। बच्चों को संस्कारवान बनाकर सत्संग कथा के लिए प्रेरित करें।
इस मौके पर मुख्य रूप से प्रसिद्ध समाजसेवी एवं उद्योगपति शिवचरण गर्ग, गौशाला अध्यक्ष शिवचरण कंसल, अग्रवाल वैश्य समाज के अध्यक्ष प्रवीन मित्तल, ईश्वर जैन, कुंजबिहारी बिंदलीस, अनिल जिंदल, प्रवीन बंसल, सुभाष मित्तल, कैलास गुप्ता, सुशील जैन, शिवचरण कंसल, दिनेश गर्ग, महावीर बिंदलिस, बृजभूषण गर्ग, विनोद कुमार, शक्ति गुप्ता, सतीश गर्ग व सुशील मित्तल सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।